प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नीति-निर्णय वास्तव में एक अच्छा आर्थिक निर्णय है,

आवेदन करने के एक घंटे के भीतर फाइनांस , सूक्ष्म, लघु आर मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नीति-निर्णय वास्तव में एक अच्छा आर्थिक निर्णय है, भले ही इस निर्णय का परोक्ष उद्देश्य 2019 के आम चनावों में लाभ हासिल करना है। निसंदेह अनौपचारिक क्षेत्र के बाद एमएसएमई लाखों भारतीयों को लाभदायक रोजगार प्रदान करने के मामले में अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ के समान है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को जो 12-पॉइंट नीति घोषित की है, उम्मीद है इससे जमीनी हकीकत में बदलाव आएगा। बगैर झंझटों और ज्यादा दिौडभाग किये एकल खिड़की आवेदन व ऋण मंजूरी व्यवस्था इसे संभालने के प्रयासों, सुनिश्चित कारोबार व माल खपत के बाबत इंतजामात और इंस्पेक्ट क्त न केवल देश के विनिर्माण क्षेत्र को बढावा देगी बल्कि भारत के बढ़ते आयात को कम करने में भी मदद करेगी। एक करोड रुपये तक के सस्ते वित्त की सलभता सनिश्रित कराने के साथ ही बैंकों के लिए छोटे व्यवसायों के लिए वित्त पोषण कॉर्पोरेट ग्राहकों की तुलना में काफी कम जोखिम वाला होगा। साथ ही बैंकों को अपने संसाधनों के सदुपयोग के व्यापक व बहुआयामी अवसर मिलेंगे। गौरतलब है कि 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के है कि 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्जे डूब जाने का प्रमुख कारण वे बडे कारोबारी घडियाल हैं, जिन्हें बैंकों ने पर्याप्त पंजी वापसीसुनिश्चित किये हजारों करोड़ के ऋण दिए थे। सरकार के नए कदम सेछोटी. खासकर निर्यात उन्मख विनिर्माण इकाइयों को काफी मदद मिलेगी। सरकार को अब इनपुट टैक्स क्रेडिट की प्रक्रिया को भी तेज सर स र करना चाहिए।सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां अनिवार्य रूप से एमएसएमईसे न्यूनतम 25 प्रतिशत खरीदारी करें, इस दिशानिर्देश पर अमल हो, बल्कि सरकार इसे निजी क्षेत्र में विस्तारित करने पर भी विचार करे।बेहतर होगा कि यह व्यवस्था प्रोत्साहन देकर लागू कराई जाए। सुनिश्चित हो कि ऋण वैध व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए दिया गया हो और इसेप्रस्तावित मद में प्रयोग किया जाए। जरूरी है कि सरकार बैंकों को लक्ष्य पूरा करने के लिए अंधाधुंध उधार देने को मजबर भी न करे क्योंकि इससे एनपीए में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है