"यूपीसीएल" का बड़ा फ़ैसला अब बिजली ख़र्च करने पर पहले के ज्यादा पैसा चुकाने पड़ेगे।
उत्तराखंड में ऊर्जा निगम के नियुक्त कर्मचारियों को असीमित रियायती बिजली नहीं मिलेगी। अब बिजली ख़र्च करने पर पहले के ज्यादा पैसा चुकाने पड़ेगे। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने इस संबंध में हाईकोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत किया। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में हुई। इस मामले में दून के आरटीआई क्लब ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सरकार बिजली विभाग के अधिकारियों से एक महीने के बिल के रूप में 500 से 600 रुपये और अन्य कर्मचारियों से मात्र 100 रुपये ले रही है। वहीं सेवानिवृत्त और उनके आश्रितों को बिजली मुफ्त दी जा रही है। इसका सीधा भार आम जनता पर पड़ रहा है। याचिकाकर्ता जिन के घर में मीटर लगे भी हैं, वो खराब हैं। हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान सचिव ऊर्जा, पिटकुल व यूजेवीएनएल अधिकारियों को आदेश दिए कि वे कार्मिकों को दी जा रही बिजली का पूरा डाटा 25 नवंबर को प्रस्तुत करें।
कुछ तथ्य लाइव हिंदुस्तान से प्राप्त
"यूपीसीएल" का बड़ा फ़ैसला अब बिजली ख़र्च करने पर पहले के ज्यादा पैसा चुकाने पड़ेगे।