नगर निगम का लाइसेंस शुल्क को स्थगित कर दिया गया
देहरादून, 24 जनवरी: देहरादून नगर निगम द्वारा देहरादून की नगर निगम सीमा में संचालित हर व्यवसाय को लाइसेंस जारी करने का प्रस्ताव दिया है। नगर निगम ने शहर की नगरपालिका सीमा के भीतर से संचालित होने वाले व्यवसाय की हर श्रेणी के लिए एक लाइसेंस योजना का प्रस्ताव दिया है। यही नहीं, निगम ने प्रत्येक श्रेणी के लिए भारी लाइसेंस शुल्क का प्रस्ताव किया है। उदाहरण के लिए एक दवा व्यवसायी जिसका प्रति वर्ष 30,000 रुपये का भुगतान करना होगा। प्रस्तावित लाइसेंस शुल्क योजना में सभी प्रकार की दुकानों, रेस्तरां, होटल, नर्सिंग होम, अस्पताल और क्लीनिक सहित हर व्यवसाय को कवर किया गया है। यह योजना शहर में सभी संपत्तियों पर पहले से लागू हाउस टैक्स के अतिरिक्त है। यहां तक कि इस कर को नगर निगम द्वारा तेजी से बढ़ाया गया है, विशेष रूप से वाणिज्यिक संपत्तियों के मामले में, जहां बढ़ोतरी 35 प्रतिशत है। स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक के साथ-साथ रेस्तरां आदि के लिए लाइसेंस जारी करता है। इसी तरह, सभी स्कूल स्कूल शिक्षा विभाग की स्वीकृति और अनुमति से खोले जाते हैं। फैक्ट्रियों को विभिन्न विभागों से लाइसेंस के तहत चलाया जाता है, जबकि दुकानों और प्रतिष्ठानों को दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत और जीएसटी और बिक्री कर विभागों के तहत पंजीकृत किया जाता है। इसलिए, जब संबंधित विभागों द्वारा लाइसेंस दिए जाते हैं,
तो व्यवसायों पर एक और अनिवार्य लाइसेंस लगाने में शायद ही कोई तर्क हो। वास्तव में, दोहरे लाइसेंस की प्रेरणा शहरी विकास विभाग से मिली है, क्योंकि हरिद्वार, कोटद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, रुद्रपुर और काशीपुर सहित सभी नगर निगमो लाइसेंस शुल्क का प्रस्ताव किया है। आज देहरादून नगर निगम में सभी व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन किया गया जिसमें दून व्यापार मंडल, होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन, युवा देहरादून डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन एवम अन्य एसोसिएशन ने रोष प्रदर्शन किया। देहरादून के मेयर सुनील उनियाल "गामा" ने सभी व्यापारियों के बातो को सुना और आश्वाशन दिया कि जो भी निर्णय लिया जायेगा जो भी निर्णय लिया जायेगा सभी व्यापारियों की सहमति से ही होगा। मेयर सुनील उनियाल "गामा" को सभी संगठनों ने अपने ज्ञापन दिए। सभी व्यापारियों के आक्रोश को देखते हुए नगर निगम लाइसेंस शुल्क को स्थगित कर दिया गया है।